किताबों के पन्नो को पलट कर सोचता हूँ,
यूँ पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है.
ख़्वाबों में रोज़ मिलती है जो,
हकीक़त में आ जाए तो क्या बात है.
कुछ मतलब के लिए ढूंढते है लोग मुझे,
बिना मतलब कोई आए तो क्या बात है.
जो शरीफों कि शराफत में बात न हो,
वो एक शराबी कह जाए तो क्या बात है.
कत्ल कर के तो सब ले जायेंगे दिल मेरा,
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है.
अपने रहने तक तो ख़ुशी दूंगा सबको,
जो किसी को मेरी मौत से ख़ुशी मिल जाए तो क्या बात है...
यूँ पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है.
ख़्वाबों में रोज़ मिलती है जो,
हकीक़त में आ जाए तो क्या बात है.
कुछ मतलब के लिए ढूंढते है लोग मुझे,
बिना मतलब कोई आए तो क्या बात है.
जो शरीफों कि शराफत में बात न हो,
वो एक शराबी कह जाए तो क्या बात है.
कत्ल कर के तो सब ले जायेंगे दिल मेरा,
कोई बातों से ले जाए तो क्या बात है.
अपने रहने तक तो ख़ुशी दूंगा सबको,
जो किसी को मेरी मौत से ख़ुशी मिल जाए तो क्या बात है...
lik d way it is written n composed..it truely touched my heart..wel nw d nxt pst shuld b n english..lol...keep it up...
ReplyDelete@ shruti -
ReplyDeletethanks 4 d comment..... emotions can be expressed in any language..... dsnt matter if its english or hindi.....
d way u writes.......not only dis one but evry poem of u....dere is 'kuch baat'..
ReplyDelete"likhte to sab hai lekin vo baat agr dil ko chu jaaye to kya baat hai"
@ prateek -
ReplyDeletethanks a lot bro :) n keep reading..... I like the way u twisted n turned my line to appreciate it :P
btw luks like tere andar ka poet bhi jaag raha hai.... try it out :)