Sunday, November 1, 2009

Tum


हवा के झोंके की तरह
जिंदगी में आई थी तुम,
खुशियों की सौगात और
प्यार के रंग संग लाई थी तुम.

 
ग़म के गुमनाम अंधेरे में
रोशनी बन कर छाई थी तुम,
चाहत का एहसास लिए
सुकून बन कर दिल में समाई थी तुम.



खुशियों से रंगीन थी दुनिया
हर पल जो मेरे पास थी तुम,
ग़म के बादल गहरे हैं
जब से जुदा हुई हो तुम.


क्यूँ यहाँ बेबस अकेला हूँ मैं
क्यूँ यहाँ इतना तनहा हूँ मैं,
क्यूँ टूटे सपने वो सारे
क्यूँ मुझसे इतनी दूर हो गई हो तुम.


दिल की बेबसी कैसे कहूँ आंखों से
आंसू बन के बहती हो तुम,
तरसता हूँ तेरे प्यार को मैं
पल पल मुझे याद आती हो तुम
.

4 comments:

  1. aisa lagtaa hai aasuo ko jabaan de di ho....
    grt work....

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  2. @ rashmi -
    kuchh aisa hi samajh lo... anyways thanks for the comment... :)

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  3. awesum poem...n nice pic 2..luvedit..gud job..keep it up

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