शरारत न होती,
शिकायत न होती,
नैनों में किसी के नजाकत न होती,
न होती बेकरारी,
न होते हम तनहा,
जो जहां में कमबख्त ये मोहब्बत न होती,
न होते ये सपने,
न ख़्वाबों कि दुनिया,
किसी को चाहत की तमन्ना ना होती,
न होती मुलाक़ात,
न फूलों की खुशबू,
यादों में उनकी ये रातें न कटती,
जो न होती मोहब्बत, ये आंसू न होते,
दिल भी न रोता आज ,
तनहा न होता,
दीवानों सी अपनी ये हालत न होती,
जो जहां में कमबख्त ये मोहब्बत न होती.
शिकायत न होती,
नैनों में किसी के नजाकत न होती,
न होती बेकरारी,
न होते हम तनहा,
जो जहां में कमबख्त ये मोहब्बत न होती,
न होते ये सपने,
न ख़्वाबों कि दुनिया,
किसी को चाहत की तमन्ना ना होती,
न होती मुलाक़ात,
न फूलों की खुशबू,
यादों में उनकी ये रातें न कटती,
जो न होती मोहब्बत, ये आंसू न होते,
दिल भी न रोता आज ,
तनहा न होता,
दीवानों सी अपनी ये हालत न होती,
जो जहां में कमबख्त ये मोहब्बत न होती.
PS : I have not written it. I got it as a SMS from a friend.
Soo u r back with ur luv poems.
ReplyDeleteReally a nice one but i guess this one is your first poem with somewhat a negative approach towards MOHHOBAT, otherwise you are quite positive in ur poems....
Nyways keep writing :)
@ rashmi -
ReplyDeletethanks for the comment..... btw dis poem is not mine.... i got dis one as a forward from a friend.... i liked it so put it here.....
nice ne...vry sweet...keep it up
ReplyDelete@ shruti -
ReplyDeletethanks.... btw i havn't written it.....