Saturday, June 26, 2010

Dhadkan



मेरी नज़रें जब आप की नज़रों से मिली,
आप की नज़रें शरमा के झुक सी गई. 
हम भूल गए क्या कहना था आप से, 
सांसें चलती रहीं और धड़कन रुक सी गई.

आप का अपने चेहरे से जुल्फों को यूँ हटाना, 
कभी शरमाना और कभी इतराना. 
हर अदा आप की दिल को भा गयी, 
सांसें चलती रहीं और धड़कन रुक सी गई. 

याद करते हैं हम आप को हर वक़्त, 
याद करना अब आदत सी हो गई. 
जब भी याद आई मुलाक़ात आप की जिस वक़्त, 
सांसें चलती रहीं और धड़कन रुक सी गई. 

करते हैं इंतज़ार हम आज भी आप का, 
दिल में है प्यार बेशुमार बस आप का. 
न देर कर अब समय की ज़रा सी कमी है, 
धड़कन तो कब की रुक चुकी, अब चंद सांसें ही बची हैं...

6 comments:

  1. agn a gud job dun!! d lst lyn has a catch n a real gud 1!! keep up!!

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  2. @ garima -
    thank u very much partnerrrr... waitin for another update from ur side... :)

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  3. ab to use search krna start kar do yaar..........
    mujhse tumhari halat dekhi nhi jati.....
    hehehe

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  4. @ swati -
    lolzz.... dnt wry... mujhe itni jaldi nahi hai.... :) and thanks for the comment....

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