Thursday, May 17, 2012

Anjaani Chaahat

I know I am way too late for this post, but as it is said, Better late, than never ! Here comes a short Hindi poem to touch your souls !


यूँ ही अनजाने में तुझ से चाहत स़ी हो गयी,
दोस्ती करने चले थे और तुझ से मोहब्बत स़ी हो गयी।

तू ना हो तो मैं खुद से ही उलझता हूँ,
क्या करूं, मुझे तेरी आदत सी हो गयी।

मैं अपने वजूद में तुझे तलाश करता हूँ,
मुझे तुम से इस कदर मोहब्बत सी हो गयी।

मेरे पास  आओ, तो जी लूं दो पल  मैं भी,
मेरी तो हर एक  सांस  तेरी अमानत  सी हो गयी।

मैं सोचता था तेरे आगे ज़िन्दगी क्या है,
पर तुझे चाहने के लिए  ज़िन्दगी एक  ज़रुरत  सी हो गयी।