I know I am way too late for this post, but as it is said, Better late, than never ! Here comes a short Hindi poem to touch your souls !
यूँ ही अनजाने में तुझ से चाहत स़ी हो गयी,
दोस्ती करने चले थे और तुझ से मोहब्बत स़ी हो गयी।
तू ना हो तो मैं खुद से ही उलझता हूँ,
क्या करूं, मुझे तेरी आदत सी हो गयी।
मैं अपने वजूद में तुझे तलाश करता हूँ,
मुझे तुम से इस कदर मोहब्बत सी हो गयी।
मेरे पास आओ, तो जी लूं दो पल मैं भी,
मेरी तो हर एक सांस तेरी अमानत सी हो गयी।
मैं सोचता था तेरे आगे ज़िन्दगी क्या है,
पर तुझे चाहने के लिए ज़िन्दगी एक ज़रुरत सी हो गयी।
bahut hi badhiya.....dis piece is something straight from a lover's heart....lovely..:)
ReplyDelete@ (prateek) monga -
ReplyDeletethanks a ton for the comment buddy.... i'm glad that despite being so careless about posting on the blog, i still have dedicated readers... feels really good :)
woaa..thts realy gud..:)
ReplyDelete@priyanka -
Deletethanks :)
Blogging is the new poetry. I find it wonderful and amazing in many ways.
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