जब रात के तनहा लम्हों में,
कोई आहट मुझ से कहती है;
इस दिल में हलचल रहती है,
कोई जुगनू पास से गुज़रे तो,
कोई बात हलक से निकले तो,
मैं खुद से उलझने लगता हूँ,
फिर जाने क्या क्या कहता हूँ,
फिर याद उसकी आती है,
फिर पल दो पल के लमहे को,
ये सांस मेरी रुक जाती है,
एक शोला दिल में भड़कता है,
वो दर्द सेहर तक रहता है,
फिर मेरा मन मुझ से यह कहता है,
कोई मेरे दिल में रहता है...
Ahem Ahem...I liked it...kch bhi bol kch toh jhol hai boss.....kya hai ya?koi dil mein rehta hai..wah wah..kaun hai...?:p.....
ReplyDelete@ shruti -
ReplyDeletethanks for the comment.... lolzzz ;)
hoga koi jhol.... mujhe kya.... :p
btw jab mujhe pata chalega mere dil ka 'tenant' kaun hai, i'll let u know ;)
soo sweet, really awesome one,
ReplyDeletedil ko chu jaane waali....
Kp writing :)
@ rashmi -
ReplyDeletethanks a lot :) i'm glad dat u loved it soooooo much :) :)
I know very little of poetry, but this one is good.
ReplyDelete@ mr chowla -
ReplyDeletethank u sir :)
hey ankit...
ReplyDeletenyc yaar!! n i agree wid shruti kuch toh jhol hai boss!!
@ garima -
ReplyDeletethanks :) koi 'jhol' nahi hai yaar.... :p